Shri Durga Chalisa शक्ति के नौ रुपों में से एक मां दुर्गा हैं। मां दुर्गा शिव की पत्नी आदिशक्ति का ही एक रूप हैं। जिन्हें हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त है। माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए आप रोजाना श्रद्धा भाव के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

दुर्गा चालीसा का पाठ हिन्दू धर्म के अनुसार करने से देवी दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है जिन्हें हिन्दू धर्म में सर्वशक्तिशाली माना गया है। माँ दुर्गा को आदि शक्ति का दर्जा प्राप्त है और माँ दर्जा के नौ रूप हैं जिनकी पूजा अर्चना विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान की जाती है। शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के दौरान हर साल देवी के सभी रूपों की श्रद्धा भाव के साथ पूजा अर्चना करने का विधान है। इसके साथ ही मन जाता है कि दुर्गा चालीसा का जाप नियमित रूप से करने से देवी का आशीर्वाद जीवन में विद्यमान रहता है।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा


Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥

शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥

रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

तुम संसार शक्ति लै कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८

रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।
परगट भई फाड़कर खम्बा ॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२

क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥

मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ १६

केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजै ॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँलोक में डंका बाजत ॥ २०

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥

रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥

परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥ २४

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥ २८

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥

शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥

शक्ति रूप का मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥ ३२

शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

आशा तृष्णा निपट सतावें ।
मोह मदादिक सब बिनशावें ॥ ३६

शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥

करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥

जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥

श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ ४०

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

देवीदास शरण निज जानी ।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥

॥दोहा॥
शरणागत रक्षा करे, भक्त रहे नि:शंक ।
मैं आया तेरी शरण में, मातु लिजिये अंक ॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा ॥


दुर्गा जी की आरती: ॐ जय अम्बे गौरी…

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,

भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।


दुर्गा चालीसा का अर्थ निम्लिखित है:-

नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो अम्बे दुःख हरनी।
अर्थ : सभी को ख़ुशी और हर्ष प्रदान करने वाले माता दुर्गा आपको प्रणाम।

सभी के दुखों को हरने वाली अम्बे माँ आपको प्रणाम।

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निराकार है ज्योति तुम्हारी, तिहं लोक फैली उजियारी।
अर्थ : हे माँ आपकी ज्योति निराकार और असीम है।

इससे तीनों लोकों में उजियारा होता है।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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शशि ललाट मुख महाविशाला, नेत्र लाल भृकुटी विकराला।
अर्थ: हे माँ आपका विशाल मुख चंद्रमा की भांति चमक रहा है,

आपके नेत्र लाल और भौवें विकराल हैं।

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रूप मातु को अधिक सुहावे, दरश करत जन अति सुख पावे।
अर्थ: आपकी नजर सबको मोहित करती हैं और

आपके दर्शन मात्र से हर्ष की अनुभूति होती है।

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तुम संसार शक्ति लै कीना, पालन हेतु अन्न धन दीना।
अर्थ: आपके अंदर संसार की सारी शक्तियाँ समाहित हैं और

अपने भक्तों के लालन-पालन के लिए उन्हें धन धान्य रुपी आशीर्वाद देती हैं।

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अन्नपूर्णा हुई जग पाला, तुम ही आदि सुन्दरी बाला।
अर्थ: आप अन्नपूर्णा के रूप में संपूर्ण संसार का पालन करने वाली हैं

और आप ही सबसे सुन्दर बाला/स्त्री हैं।

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प्रलयकाल सब नाशन हारी, तुम गौरी शिव शंकर प्यारी।
अर्थ: दुःख की घड़ी में आप सभी दुखों का नाश करती हैं।

आप ही गौरी का रूप और शिव की प्रिय हैं।

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शिव योगी तुम्हरे गुण गावें, ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें।
अर्थ: स्वयं शिव और उनके भक्त भी आपका गुणगान करते हैं

और ब्रह्मा विष्णु आपकी नियमित आराधना करते हैं।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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रुप सरस्वती को तुम धारा, दे सुबुद्धि ॠषि मुनिन उबारा।
अर्थ: आप ही माँ सरस्वती का रूप हैं और ऋषि मुनियों को

बुद्धि प्रदान कर उनके उद्धार का कार्य करती हैं।

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धरा रूप नरसिंह को अम्बा । प्रकट भई फाडकर खम्बा।
अर्थ: म्भे को फाड़कर आप नरसिंह का रूप धारण कर प्रकट हुई थी।

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रक्षा करि प्रह्लाद बचायो, हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो।
अर्थ: क्त प्रहलाद की रक्षा कर अपने ही हिरण्यकश्यप को स्वर्ग भेजा था।

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लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं, श्री नारायण अंग समाहीं।
अर्थ: आप ही जगत माता, लक्ष्मी का रूप हैं और आप ही

नारायण यानि की विष्णु के अंग में समाहित हैं।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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क्षीरसिन्धु में करत विलासा, दयासिन्धु दीजै मन आसा।
अर्थ: आपका वास क्षीर सागर में है। आप स्वयं दया की सागर हैं,

कृपया मेरी आशाओं को पूर्ण करें।

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हिंगलाज में तुम्हीं भवानी, महिमा अमित न जात बखानी।
अर्थ: आपका निवास हिगलाज में भी है।

आपकी महिमा का बखान शब्दों में करना असंभव है।

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मातंगी धूमावति माता, भुवनेश्वरि बगला सुखदाता।
अर्थ: आप सुख प्रदान करने वाली मातंगी,

धूमवती, भुवनेश्वरी और बगला माता हैं।

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श्री भैरव तारा जग तारिणि, छिन्न भाल भव दुःख निवारिणि।
अर्थ: आप भैरवी देवी संसार को तारने वाली हैं।

आप ही छिन्नमस्ता और संसार के दुखों को हरने वाली माता हैं।

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केहरि वाहन सोह भवानी, लांगुर वीर चलत अगवानी।
अर्थ: सिंह की सवारी करने वाले आप भवानी हैं।

हनुमान भी आपकी अगुवाई करते हुए आपके आगे चलते हैं।

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कर में खप्पर खड्ग विराजे, जाको देख काल डर भागे।
अर्थ: आपके हाथों में स्थापित खप्पड़ और

खडग को देख काल भी दूर भागते हैं।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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सोहे अस्त्र और त्रिशूला, जाते उठत शत्रु हिय शुला।
अर्थ: आपके हाथों में विद्यमान रहने वाले त्रिशूल और

अस्त्रों को देख शत्रुओं के हृदय भयभीत हो उठते हैं।

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नगरकोट में तुम्हीं विराजत, तिहूं लोक में डंका बाजत।
अर्थ: आप नगरकोट में विराजित रहती हैं और

तीनों लोकों में आपके नाम का डंका बजता है।

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शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे, रक्तबीज शंखन संहारे।
अर्थ: आपने शुंभ-निशुंभ जैसे दानव सहित

अनेकों रक्तबीजों का नाश किया है।

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महिषासुर नृप अति अभिमानी, जेहि अघ भार मही अकुलानी।
अर्थ: अभिमानी राजा महिषासुर ने अपने पापों

से धरती का बोझ बढ़ा दिया था।

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रूप कराल कालिका धारा, सैन्य सहित तुम तिहि संहारा।
अर्थ: काली का विशाल रूप धारण कर आपने

उसकी सेना के साथ उसका नाश किया।

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परी गाढं संतन पर जब जब, भई सहाय मातु तुम तब तब।
अर्थ: आपके भक्तों और संतों पर जब-जब संकट की घड़ी आयी है,

अपने तब-तब उनकी सहायता की है।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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अमरपूरी अरू बासव लोका, तब महिमा रहें अशोका।
अर्थ: अमरपुरी सहित बाकी के लोक भी

आपकी महिमा से ही शोक से मुक्त रहते हैं।

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ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी, तुम्हें सदा पूजें नर नारी।
अर्थ: अग्नि में भी आपकी ज्योति विद्यमान है,

सभी नर नारी हमेशा आपकी पूजा अर्चना करते हैं।

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प्रेम भक्ति से जो यश गावे, दुःख दारिद्र निकट नहिं आवे।
अर्थ: जो भी आपकी यश की गाथा प्रेम और भक्ति के साथ गाते हैं,

वो सदैव ही दुःख और निर्धनता से दूर रहते हैं।

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ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई, जन्म मरण ताको छुटि जाई।
अर्थ: श्रद्धा भाव और मन से आपका ध्यान करने वाले हमेशा

के लिए जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाते हैं।

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जोगी सुर मुनि कहत पुकारी,योग न हो बिन शक्ति तुम्हरी।
अर्थ: समस्त देव, मुनि और योगी आपकी पुकार लगाते हुए कहते हैं कि

आपकी शक्ति के बिना उनका योग नहीं हो सकता।

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शंकर आचारज तप कीनो, काम अरु क्रोध जीति सब लीनो।
अर्थ: शंकराचार्य ने तप कर काम और क्रोध दोनों पर विजय प्राप्त की।

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निशिदिन ध्यान धरो शंकर को,काहु काल नहीं सुमिरो तुमको।
अर्थ: उन्होनें प्रतिदिन शिव जी का ध्यान किया लेकिन आपका मनन कभी नहीं किया।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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शक्ति रूप को मरम न पायो, शक्ति गई तब मन पछतायो।
अर्थ: उन्होनें आपके शक्ति रूप की महिमा को नहीं समझा

और जब उनकी शक्ति चली गयी तो उन्हें पछतावा हुआ।

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शरणागत हुई कीर्ति बखानी,जय जय जय जगदम्ब भवानी।
अर्थ: आपकी शरण में आकर उन्होनें आपकी यश का बखान किया,

हे जगदम्बे भवानी आपकी जयकार हो।

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भई प्रसन्न आदि जगदम्बा, दई शक्ति नहिं कीन विलंबा।
अर्थ: हे आदि जगदम्बे माँ आप उनकी भक्ति से प्रसन्न हुई

और उन्हें बिना देरी के शक्ति प्रदान की।

*****

मोको मातु कष्ट अति घेरो, तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो।
अर्थ: हे माता मैं भाड़ी कष्ट से घिरा हूँ,

ऐसी घरी में आपके अलावा मेरे दुखों को कौन हरेगा।

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आशा तृष्णा निपट सतावें, मोह मदादिक सब विनशावें।
अर्थ: मुझे हमेशा ही आशा और तृष्णा सताती है

और मोह एवं अभिमान मेरा नाश करते हैं।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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शत्रु नाश कीजै महारानी, सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी।
अर्थ: हे माहरणी आप मेरे शत्रुओं का नाश करें,

भवानी माँ मैं एकाग्रचित होकर आपका स्मरण करता हूँ।

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करो कृपा हे मातु दयाला, ॠद्धि सिद्धि दे करहु निहाला।
अर्थ: हे पराम् दयालु माँ आप मुझे कृपा प्रदान करें और मुझे धन धान्य से पूर्ण करें।

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जब लगि जिऊं दया फल पाऊं, तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं।
अर्थ: मैं जब तक जीवित रहूँ यूँ ही आपके दया का पात्र बनता रहूँ

और आपकी यश गाथा जाता रहूँ।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा

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दुर्गा चालीसा जो नित गावै, सब सुख भोग परम पद पावै।
अर्थ: नित दुर्गा चालीसा का पाठ करने वाले हमेशा ही

सभी सुखों को प्राप्त करते हैं उच्च पद पर विराजित होते हैं।

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देवीदास शरण निज जानी, करहु कृपा जगदम्ब भवानी।
अर्थ: इन सब बातों को जानते हुए ही देवीदास ने आपकी शरण ली है,

हे जगदम्बा भवानी मुझ पर कृपा करें।

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कैसे हुई दुर्गा चालीसा की उत्पत्ति ?

दुर्गा चालीसा की उत्पत्ति से पहले माँ दुर्गा की उत्पत्ति कैसे और क्यों हुई इस बारे में जानना बेहद आवश्यक है। बता दें कि महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए देवताओं ने अपनी शक्तियों से एक आदि शक्ति को जन्म दिया जिसे आज सर्वशक्तिशाली माँ दुर्गा के रूप में लोग जानते हैं। माँ दुर्गा ने महादुराचारी दैत्य महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके चंगुल से बचाया था और उन्हें स्वर्ग लोक वापिस दिलाने में मदद की थी। दुर्गा चालीसा की रचना देवी-दास जी ने की थी, जिनके संदर्भ में ये माना जाता है कि वो माँ दुर्गा के सबसे बड़े उपासक थे और उन्होनें दुर्गा चालीसा में माँ दुर्गा के सभी रूपों के साथ ही उनकी महिमा का भी वर्णन विस्तार में किया है। कई पौराणिक कथाओं में अनुसार देवी दुर्गा को इस संसार का संचालक भी बताया गया है क्योंकि उनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों के गुण विद्यमान हैं।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा


दुर्गा चालीसा पाठ से मिलने वाले लाभ निम्लिखित हैं:-

सर्वशक्तिशाली माता दुर्गा की पूजा आराधना लोग विशेष रूप से अपने सभी दुखों से मुक्ति पाने और जीवन के हर क्षेत्र में माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते हैं। इसके अलावा नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपको निम्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं:-

  1. नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति को मानसिक तनाव और चिंता से भी मुक्ति मिलती है।
  2. दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करने से आप अपने शत्रुओं के ऊपर विजय प्राप्त कर सकते है और साथ ही आपके ऊपर शत्रु पक्ष का प्रभाव कम ही पड़ता है।
  3. इस चालीसा के पाठ से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और उसे सभी विशेष कार्यों को करने में सफलता प्राप्त होती है।
  4. दुर्गा चालीसा का पाठ करने से जीवन में बुरी शक्तियों से निजात मिलती है, साथ ही बुरी शक्तियों से परिवार का भी बचाव होता है।
  5. इसके नियमित जाप करने से आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाले दुखों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
  6. ऐसी मान्यता है कि दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ कर व्यक्ति अपना खोया हुआ सम्मान और संपत्ति भी प्राप्त कर सकता है।
  7. यदि आपके मन में किसी बात को लेकर कोई निराशा है तो इस चालीसा के नियमित पाठ से आपके मन से वो निराशा दूर हो जाती है।
  8. दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ कर सभी भावनाओं पर समान रूप से नियंत्रण पाया जा सकता है।

Durga chalisa in hindi | श्री दुर्गा चालीसा


दुर्गा चालीसा के पाठ करने की सही विधि

दुर्गा चालीसा का पाठ ज्यादातर लोग अपनी क्षमता और श्रद्धा के अनुसार ही करते हैं लेकिन यदि इसका जाप नियम पूर्वक किया जाए तो इससे माता दुर्गा का ख़ास आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है। ज्योतिष विशेषज्ञों द्वारा दुर्गा चालीसा पाठ के कुछ विशेष नियमों के बारे में निम्न प्रकार से उल्लेख किया गया है:-

  1. दुर्गा चालीसा का पाठ करने से पहले सूर्योदय से पूर्व स्नान करके साफ़ सुथरे वस्त्र धारण करें।
  2. अब एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा कर, उस पर माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
  3. सबसे पहले माता दुर्गा की फूल, रोली, धूप, दीप आदि से पूजा अर्चना करें।
  4. पूजा के दौरान दुर्गा यंत्र का प्रयोग आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
  5. अब दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू करें।

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