ग्यारस की ग्यारस मिलवा ने आवे सा लिरिक्स

म्हारा टाबर म्हाने,
हिवड़े सु ज्यादा लाड लड़ावे सा,
ग्यारस की ग्यारस,
मिलवा ने आवे सा।।

ग्यारस की ग्यारस मिलवा ने आवे सा लिरिक्स


रोज करें श्रृंगार चाव से,
नित उठ आरती गावे,
मेरो भी मन महकन लागे,
जद ये इत्र चढ़ावे,
जीमण बैठु तो,
हाथां स पंखों रोज डुलावे सा,
ग्यारस की ग्यारस,
मिलवा ने आवे सा।।


टाबरिया म्हारो राखे भरोसो,
पल भर ना बिसरावै,
कितनो भी कोई लोभ दिखावे,
छोड़ मन्ने ना जावे,
नैना रा मोती,
म्हारा चरणा में आय चढ़ावे सा,
ग्यारस की ग्यारस,
मिलवा ने आवे सा।।

ग्यारस की ग्यारस मिलवा ने आवे सा लिरिक्स


जद फागण को मैलो आवे,
चाव घणो चढ़ जावे,
कोई आवे पेट पलनीया,
कोई पैदल आवे,
प्रेम्या सु मिलकर,
म्हारो भी हिवड़ो खिलखिल जावे सा,
ग्यारस की ग्यारस,
मिलवा ने आवे सा।।


बिन आके मेरो नाम अधुरो,
ज्यूँ दीपक बिन बाती,
भक्त बिना भगवान ना ‘संजू’,
सांची बात बता दी,
मेरी सकलाई,
घर घर में यही जाय बताव सा,
ग्यारस की ग्यारस,
मिलवा ने आवे सा।।

ग्यारस की ग्यारस मिलवा ने आवे सा लिरिक्स


म्हारा टाबर म्हाने,
हिवड़े सु ज्यादा लाड लड़ावे सा,
ग्यारस की ग्यारस,
मिलवा ने आवे सा।।



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